इन 4 तरीकों से वसूला जाएगा GST, सरकारों के बीच ऐसे बंटेगी कमाई: कहने को तो दर्जन भर से ज्यादा कानूनों की जगह एक अकेला जीएसटी की काफी होगा, लेकिन सच तो यह है कि जीएसटी के भीतर भी का जीएसटी होगा। इसमें कुछ पर राज्यों को क्लेम होगा तो कुछ पर केंद्र का क्लेम होगा, जबकि कुछ पर दोनों को क्लेम होगा।
सत्रह साल की कोशिशों के बाद आखिरकार गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (GST) देशभर में लॉन्च हो गया। नरेंद्र मोदी और प्रणब मुखर्जी ने बटन दबाकर जीएसटी को लॉन्च किया। एक देश-एक टैक्स सिस्टम की शुरुआत संसद के स्पेशल सेशन से की गई जो शुक्रवार आधी रात को बुलाया गया। GST की लॉन्चिंग से कांग्रेस के बायकॉट के चलते पूर्व पीएम मनमोहन सिंह संसद नहीं पहुंचे। लेकिन मोदी ने इस टैक्स रिफॉर्म का क्रेडिट सभी दलों को दिया। उन्होंने कहा, ”GST किसी एक दल की उपलब्धि नहीं है। यह सांझी विरासत है। ये भी संयोग है कि गीता के 18 अध्याय थे और जीएसटी के लिए भी उसकी काउंसिल की 18 बैठकें हुईं। GST गुड एंड सिंपल टैक्स है।” वहीं, प्रणब मुखर्जी ने कहा, “वर्षों पहले शुरू हुए लंबे सफर के पूरा होने का यह ऐतिहासिक मौका है।” बता दें कि आजाद भारत के इतिहास में यह चौथा मौका रहा, जब सेंट्रल हॉल में मिडनाइट सेशन बुलाया गया। इससे पहले भी तीनों मौकों पर आधी रात को संसद बुलाई गई थी, लेकिन वह आजादी के जश्न के लिए थी। 70 साल में ऐसा पहली बार हुआ, जब किसी टैक्स रिफॉर्म के लिए आधी रात को संसद सत्र चला।
इन 4 तरीकों से वसूला जाएगा GST, सरकारों के बीच ऐसे बंटेगी कमाई
प्रस्तावित कानून के मुताबिक, कुल 4 तरह का जीएसटी काम करेगा।
- इसमें क्रमश: सीजीएसटी, एसजीएसटी, आईजीएसटी और यूटीजीएसटी शामिल है।
- आइए जानते हैं ये चारों जीएसटी कैसे काम करेंगे, कौन सा जीएसटी किस मौजूदा टैक्स की जगह लेगा और उसपर क्लेम किसका होगा।
नंबर-1 सीजीएसटी
- कौन वसूलेगा: केंद्र सरकार
- मौजूदा टैक्स जिनकी जगह सीजीएसटी लेगा: सर्विस टैक्स, एक्साइज ड्यूटी, काउंटर वैलिंग ड्यूटी (CVD), स्पेशल एडीशनल ड्यूटी (SAD), एडीशनल ड्यूटीज ऑफ एक्साइज (ADE) आदि।
- कब लगेगा: एक राज्य के बीच सप्लाई के दौरान।
- इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलेगा: सीजीएसटी और आई जीएसटी पर
- टैक्स रेवन्यु शेयर करेगी: केंद्र सरकार
- छूट की लिमिट: 20 लाख
- कब रजिस्ट्रेशन कराना होगा: 20 लाख से ज्यादा टर्नओवर पर
नंबर-2 एसजीएसटी
- कौन वसूलेगा: राज्य सरकारें
- मौजूदा टैक्स जिनकी जगह एसजीएसटी लेगा: वैट, सेल्स टैक्स, लग्जरी टैक्स, इंट्री टैक्स, एन्टरटेनमेंट टैक्स, पर्चेज टैक्स
- कब लगेगा: एक राज्य के बीच सप्लाई होने पर
- इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलेगा: एसजीएसटी और आईजीएसटी पर
- टैक्स रेवन्यु शेयर करेगी: राज्य सरकार
- छूट की लिमिट: 20 लाख सालाना
- कब रजिस्ट्रेशन कराना होगा: 20 लाख से ज्यादा टर्नओवर पर
नंबर-3: आईजीएसटी
- कौन वसूलेगा: केंद्र सरकार पर, लेकिन यह राज्यों के साथ शेयर होगा
- मौजूदा टैक्स जिनकी जगह आईजीएसटी लेगा: सेंट्रल सेल्स टैक्स
- कब लगेगा: दो राज्यों के बीच सप्लाई और इम्पोर्ट पर
- इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलेगा: सीजीएसटी और एसजीएसटी और आईजीएसटी पर
- टैक्स रेवन्यु शेयर करेगी: केंद्र और राज्य सरकारें
- छूट की लिमिट: तय नहीं की गई है
- कब रजिस्ट्रेशन कराना होगा: एक राज्य से बाहर सप्लाई करने पर
नंबर-4: यूटीजीएसटी
कौन वसूलेगा: केंद्र शासित प्रदेश
मौजूदा टैक्स जिनकी जगह यूटीजीएसटी लेगा: वैट, सेल्स टैक्स, लग्जरी टैक्स, इंट्री टैक्स, एन्टरटेनमेंट टैक्स, पर्चेज टैक्स
कब लगेगा: केंद्र शासित प्रदेश के बीच सप्लाई होने पर
इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलेगा: यूटीजीएसटी और आईजीएसटी पर
टैक्स रेवन्यु शेयर करेगी: राज्य सरकार
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