जीएसटी में पुराने स्टॉक का क्रेडिट 90 दिनों में क्लेम कर सकते हैं कारोबारी

जीएसटी में पुराने स्टॉक का क्रेडिट 90 दिनों में क्लेम कर सकते हैं कारोबारी: सरकार ने जीएसटी में ट्रांजीशन के नियम जारी कर दिए हैं उसके मुताबिक ट्रेडर और रिटेलर 90 दिनों में पुराने स्टॉक का टैक्स क्रेडिट कम कर सकते हैं जीएसटी नियमों के ड्राफ्ट में इसके लिए 60 दिनों का वक्त दिया गया था यहां पुराने स्टॉक से मतलब उस सामान से है जिसे उन्होंने 1 जुलाई से पहले खरीदा और उसकी बिक्री 1 जुलाई उसके बाद कर रहे हैं

जीएसटी में पुराने स्टॉक का क्रेडिट 90 दिनों में क्लेम कर सकते हैं कारोबारी

जीएसटी काउंसलिंग द्वारा मंजूर नए नियमों के मुताबिक जो कारोबारी पुराने स्टॉप पर इनपुट टैक्स क्रेडिट लेना चाहते हैं उन्हें 90 दिनों के भीतर ऑनलाइन इसे क्लियर करना पड़ेगा बताना पड़ेगा कि वह कितने इनपुट टैक्स क्रेडिट का हकदार है है टैक्स कमिश्नर इस अवधि को और 90 दिनों के लिए बढ़ा सकता है लेकिन इसके लिए काउंसलिंग की मंजूरी लेनी पड़ेगी जिन वस्तुओं या सेवाओं पर अभी वेट या सर्विस टैक्स दिया गया है उसका क्रेडिट लेने के लिए डीलर सप्लाई की पूरी जानकारी देनी पड़ेगी ट्रांजीशन के नए नियमो के मुताबिक जिन वस्तुओं पर जीएसटी रेट 18% या इससे अधिक होगा ट्रेडर और रिटेल उस पर सीजीएसटी या एसजीएसटी  का 60% क्लेम कर सकेंगे जिन वस्तुओं पर जीएसटी रेट 18 % से कम होगा उन पर 40% क्रेडिट डीम्ड मिलेगा ड्राफ्ट नियमों में सभी टैक्सेबल वस्तुओं पर 40% क्रेडिट का प्रावधान किया गया था

पहले चुकाए आईजीएसटी का भी मिलेगा क्रेडिट पर अधिकतम 30% कर सकते हैं क्लेम

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अगर किसी वस्तु पर आईजीएसटी चुकाया गया है तो डीम्ड क्रेडिट कम मिलेगा वस्तु पर टैक्स रेट 18% या ज्यादा है तो 30% क्रेडिट मिलेगा वस्तु पर टैक्स 18% से कम है तो सिर्फ 20%  क्रेडिट मिलेगा ड्राफ्ट नियमों  में आईजीएसटी का उल्लेख नहीं था

कीमत ₹25000 रुपए से ज्यादा है तो मिलेगा एक्साइज ड्यूटी का 100 फ़ीसदी  रिफंड

कीमत ₹25000 रुपए से ज्यादा होगी और जिन पर मैन्यूफैक्चर की ब्रांड का नाम और सीरियल नंबर अंकित होगा उस पर एक्साइज ड्यूटी का 100 फ़ीसदी रिफंड लिया जा सकता है TV फ्रिज कार की चेसिस  आदि ऐसी चीजों में आते हैं एक और शर्त है कि मैन्यूफैक्चर 30 जुलाई तक ऐसी वस्तुओं का क्रेडिट ट्रांसफर डॉक्यूमेंट CTD डीलर को देगा यह सबूत होगा कि उस वस्तु पर एक्साइज का भुगतान किया गया है डीलर के पास सामान के सभी इनवॉइस होनी चाहिए उसे किसी होलसेलर से खरीदा है तो उसका इनवॉइस भी चाहिए टैक्स विशेषज्ञों के मुताबिक यह प्रावधान सभी डीलर डिस्ट्रीब्यूटर के लिए बड़ी राहत है उन्हें एक्साइज ड्यूटी के बदले पूरा क्लेम कर सकते हैं

Ques. क्साइज ड्यूटी दे चुका हूं जीएसटी में स्टॉक ट्रांसफर पर क्लेम मिलेगा

Ans अगर आप सभी रजिस्टर्ड है तो जीएसटी लागू होने पर बकाया क्रेडिट को फॉरवर्ड कर सकते हैं इसका लाभ तभी मिलेगा जब उस वस्तु पर टैक्स दिया गया हो और वह छूट वाली श्रेणी में मौजूद नहीं है लेकिन जीएसटी रजिस्ट्रेशन लेते है तो बैलेंस स्टॉप पर क्रेडिट लेने के लिए आपके पास वस्तुओं की बिक्री का Valid इनवॉइस होना चाहिए इनवॉइस नहीं होने पर अलग-अलग शर्त हैं इसके लिए नियमों का अंतिम रुप दिया जा रहा है

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Ques. जीएसटी में इनवॉइस कैसे जनरेट होगा आईजीएसटी सीजीएसटी और एसजीएसटी के बारे में भी बताएं

Ans. इनवॉइस जनरेट करने के लिए अलग नियम पर नहीं बताए गए हैं हम कुछ बातों का इनवॉइस पर उल्लेख जरूर किया गया है यह इस बात पर निर्भर करता है कि इनवॉइस किसके लिए है इसकी विस्तृत जानकारी सीबीईसी की वेबसाइट पर मिल सकती है कि सीजीएसटी एसजीएसटी वहां लागू होंगे जहां राज्य के भीतर सप्लाई है दोनों के टैक्स रेट एक समान है यानी कोई प्रोडक्ट 18% टैक्स कैटेगिरी में है तो 9% एसजीएसटी और 9% सीजीएसटी लगेगा एक राज्य से दूसरे राज्य में सप्लाई होने पर आईजीएसटी लगेगा आईजीएसटी भी एसजीएसटी और सीजीएसटी का योग है

Ques. मैं कपड़े का एजेंट हूं मुझे जीएसटी कैसे देना है साथ में ट्रेडिंग भी करता हूं उस पर जीएसटी भरना है

Ans. सालाना टर्नओवर 20 लाख के ऊपर से ज्यादा है तो रजिस्ट्रेशन कराना पड़ेगा जीएसटी सप्लाई की वैल्यू पर जोड़ा जाएगा टैक्स रेट इस बात पर निर्भर करेगा कि आप किस वस्तु/सेवा की सप्लाई करते हैं जीएसटी का भुगतान और रिटर्न ऑनलाइन करना होगा

Ques. रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म में टैक्स क्रेडिट के लिए कौन से कागजात चाहिए अनरजिस्टर्ड डीलर या ऐसी जगह से खरीद जहां टैक्स नहीं लगता से खरीद करने पर क्या नियम होंगे

Ans. रिवर्स चार्ज में टैक्स क्रेडिट के लिए इनवॉइस जरूरी है अनरजिस्टर्ड डीलर से सामान खरीदने पर असेसी को इनवॉइस जनरेट करना पड़ेगा और टैक्स चुकाना होगा उसके बाद क्रेडिट क्लेम कर सकते हैं इसके लिए आप जीएसटीआर- 2 का टेबल 4 देख सकते हैं

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