GST Rate on Affordable Housing cut to 1% A Big move of GST Council 2019. For affordable housing GST rate reduced from 8% to 1% & for other housing from 12% to 5%. Input Tax Credit not available.
Definition of affordable housing:
- 90 sq mtrs for non-metro & 60 sq mtr for metro area.
- Council decided to consider Residential Properties with cost of Rs. 45 Lakhs as Affordable. Cap on Cost of house to be qualify as affordable kept at Rs 45 Lakh for both non-metro and metro areas.
5% decreased GST on under construction, 1% on Affordable Homes
GST Council has given relief to Real Estate Sector by reducing the tax on the under construction houses to 5% and Affordable homes at 1%. Earlier, these rates were 12% and 8%. New rates for GST will be effective from 1st April. The builder will no longer get the benefit of input tax credit (ITC). Complaints were received that many builders are taking ITC but, they are not giving any benefit to the customers.
- Earlier, these rates were 12% and 8%, new rates would be effective from 1st April
- House up to Rs 45 lakh will fall under the category of Affordable Housing
- End of the provision of input tax credit, customers will get a direct benefit
अंडर कंस्ट्रक्शन घरों पर जीएसटी घटकर 5%, अफोर्डेबल घरों पर 1% हुआ
जीएसटी काउंसिल ने रिएल एस्टेट सेक्टर को राहत देते हुए अंडर कंस्ट्रक्शन घरों पर टैक्स घटाकर 5% और अफोर्डेबल घरों पर 1% कर दिया है। पहले यह दरें 12% और 8% थीं। जीएसटी की नई दरें 1 अप्रैल से लागू होंगी। बिल्डर को अब इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का फायदा नहीं मिलेगा। ऐसी शिकायतें मिली थीं कि कई बिल्डर आईटीसी ले रहे हैं लेकिन, ग्राहकों को उसका फायदा नहीं दे रहे।
- पहले यह दरें 12% और 8% थीं, नई दरें 1 अप्रैल से लागू होंगी
- 45 लाख रु तक का घर अफोर्डेबल हाउसिंग की श्रेणी में आएगा
- इनपुट टैक्स क्रेडिट का प्रावधान खत्म, ग्राहकों को सीधा फायदा मिलेगा
जेटली ने बताया कि मेट्रो शहरों के लिए 60 स्क्वायर मीटर कार्पेट एरिया और 45 लाख रुपए तक कीमत वाले घर अफोर्डेबल की श्रेणी में माने जाएंगे। नॉन-मेट्रो शहरों के लिए यह 90 स्क्वायर मीटर कार्पेट एरिया और 45 लाख रुपए तक कीमत वाले घर अफोर्डेबल माने जाएंगे।
लॉटरी पर जीएसटी दर पर फैसला नहीं
लॉटरी पर एक समान टैक्स दर के प्रस्ताव पर अगली बैठक में फिर चर्चा होगी। राज्य सरकारों द्वारा संचालित लॉटरी पर फिलहाल 12% और सरकार की ओर से अधिकृत लॉटरी पर 28% टैक्स लगता है। लॉटरी पर टैक्स दर एक समान करने का प्रस्ताव है। यह 18% हो या फिर 28% इस बारे में जीएसटी काउंसिल फैसला लेगी। केरल और पंजाब के वित्त मंत्री रविवार की बैठक में शामिल नहीं थे। उन्होंने मांग की थी कि लॉटरी पर टैक्स दर तय करने के लिए फिर से बैठक बुलाई जाए।