जीएसटी प्रणाली में रिटर्नस: जीएसटी के रिटर्न तंत्र में बुनियादी सुविधाएं जैसे रिटर्न की इलेक्ट्रॉनिक फाइलिंग, बीजक स्तर पर सूचना को अपलोड करना और आपूर्तिकर्ता की रिटर्न से संबंधित इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) सूचना का प्राप्तकर्ता की रिटर्न से स्वत: भरा जाना (ऑटो पॉपुलेशन), बीजक-स्तर की सूचना का मिलान और अनुपयुक्त मिलान के मामले में इनपुट टैक्स क्रेडिट का रिटर्न स्वत: प्रतिलोमित होना शामिल है। रिटर्न तंत्र करदाता की सहायता के लिए रिटर्न भरने करने और आईटीसी का लाभ उठाने के लिए डिजाइन किया गया है।
जीएसटी के अंतर्गत, एक नियमित करदाता को मासिक रिटर्न और एक वार्षिक रिटर्न भरनी होगी। संयुक्त योजना के अंतर्गत पंजीकृत करदाता, अनिवासी करदाता, इनपुट सेवा वितरक के रूप में पंजीकृत करदाता, कर (टीडीएस/टीसीएस) की कटौती और वसूली के लिए उत्तरदायी व्यक्ति, विशिष्ट पहचान संख्या प्रदत्त व्यक्ति के लिए पृथक रिटर्न है। यह बात ध्यान देने योग्य है कि करदाता को सभी प्रकार की रिटर्न भरने करने की आवश्यकता नहीं है। वास्तव में, करदाता को अपने कार्य की गतिविधियों के आधार पर रिटर्न भरने करने की आवश्यकता है।।
जीएसटी प्रणाली में रिटर्नस
सभी रिटर्नस ऑनलाइन भरी जाएंगी। निम्नलिखित तरीकों का प्रयोग करके रिटर्न भरी जा सकती है:
1. जीएसटीएन पोर्टल(www.gst.gov.in)
2. जीएसटीएन द्वारा उपलब्ध की गई ऑफलाइन सुविधा
3. जीएसटी सुविधा प्रदाता (जीएसपीएस) – यदि आप ईआरपी प्रदाताओं जैसे टैली, एसएपी, ऑरेकल इत्यादि की सेवाओं का प्रयोग कर रहे हैं तो अधिक संभावना है कि ईआरपी प्रदाता मौजूदा ईआरपी सिस्टम में इनबिल्ट समाधान प्रदान करेंगे।
लिखित तालिका में जीएसटी कानून के तहत विभिन्न प्रकार की रिटर्न सूचीबद्ध है:
रिटर्न | विवरण | कौन भरेगा? | भरने की तिथि |
जीएसटीआर-1 | माल अथवा सेवाओं की बाह्य आपूर्ति का मासिक विवरण | पंजीकृत व्यक्ति | अगले माह की 10 तारीख तक |
जीएसटीआर-2 | माल अथवा सेवाओं की आंतरिक आपूर्ति का मासिक विवरण | पंजीकृत व्यक्ति | अगले माह की 15 तारीख तक |
जीएसटीआर-3 | सामान्य करदाता के लिए मासिक रिटर | पंजीकृत व्यक्ति | अगले माह की 20 तारीख तक |
जीएसटीआर-4 | तिमाही रिटर्न | संयुक्त उदग्रहण चुनने वाले करयोग्य व्यक्ति | तिमाही के उत्तरवर्ती माह की 18 तारीख तक |
जीएसटीआर-5 | अनिवासी करदाता के लिए मासिक रिटर्न | अनिवासी करदाता | कर अवधि के उत्तरवर्ती माह की 20 तारीख तक और पंजीकरण की समाप्ति के बाद 7 दिनों के भीतर |
जीएसटीआर-6 | इनपुट सेवा वितरक (आईएसडी) के लिए मासिक रिटर्न | इनपुट सेवा वितरक | अगले माह की 13 तारीख तक |
जीएसटीआर-7 | स्रोत पर कर कटौती करने वाले प्राधिकारी के लिए मासिक रिटर्न | कर की कटौती करने वाला | अगले माह की 10 तारीख तक |
जीएसटीआर-8 | ई-कॉमर्स प्रचालक के लिए मासिक विवरण जो इसके माध्यम से प्रभावी आपूर्ति दर्शाती है | ई-कॉमर्स प्रचालक | अगले माह की 10 तारीख तक |
जीएसटीआर-9 | वार्षिक रिटर्न | आईएसडी, टीडीएस / टीसीएस करदाता, आकस्मिक कर योग्य व्यक्ति और अनिवासी करदाता के अलावा पंजीकृत व्यक्ति | अगले वित्तीय वर्ष की 31 दिसंबर तक |
जीएसटीआर-10 | अंतिम रिटर्न | कर योग्य व्यक्ति जिसका पंजीकरण वापिस या रद्द कर दिया गया हो | रद्द होने की तिथि से तीन माह के भीतर या रद्द होने के आदेश की तिथि के 3 माह के भीतर, जो भी बाद में हो |
रिटर्न फाइल करने की प्रक्रिया
एक सामान्य करदाता को निम्नलिखित रिटर्न फाइल करनी होती है:
1. जीएसटीआर-1 (बाह्य आपूर्तियों का विवरण):
(क) यह रिटर्न पिछले माह के दौरान की गई आपूर्ति के लिए आपूर्तिकर्ता की कर देयता को दर्शाती है।
(ख) पिछले माह के दौरान की गई आपूर्ति के संबंध में प्रत्येक माह की 10 तारीख तक इसे फाइल करना होगा। उदाहरण के लिए, जुलाई 2017 के दौरान की सभी बाह्य आपूर्तियों का विवरण 10 अगस्त, 2017 तक भरना होगा।
2. जीएसटीआर-2 (आंतरिक आपूर्तियों का विवरण):
(क) यह रिटर्न पिछले माह के दौरान प्राप्त इनपुट से आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) के उपचय को दर्शाती है
(ख) आयात और अपंजीकृत आपूर्तिकर्ताओं से खरीददारी जैसे कुछ क्षेत्रों को छोड़कर यह करदाता से संबंधित आपूर्तिकर्ताओं द्वारा भरे गए जीएसटीआर-1 से ऑटो- पॉप्युलेट होजाता है।
(ग) पिछले माह के दौरान प्राप्त आपूर्ति के संबंध में इसे हर माह की 15 तारीख तक फाइल करना होगा। उदाहरण के लिए, जुलाई 2017 के दौरान प्राप्त सभी आंतरिक आपूर्ति का विवरण 15 अगस्त, 2017 तक फाइल करना होगा।
3. जीएसटीआर-3 यह समेकित रिटर्न है। इसे प्रत्येक माह की 20 तारीख तक फाइल करना होता है। यह निम्नलिखित विवरण समेकित करता है:
(क) बाह्य आपूर्तियां (जीएसटीआर-1 से ऑटो-पोप्यूलेटिड)
(ख) आंतरिक आपूर्तियां (जीएसटीआर-2 से ऑटो-पोप्यूलेटिड)
(ग) प्राप्त आईटीसी
(घ) देय कर
(ड) भुगतान किया गया कर (नकद और आईटीसी दोनों का प्रयोग करते हुए)
टिप्पणी: भुगतान प्रत्येक माह की 20 तारीख को या उससे पहले किया जाना चाहिए
वार्षिक रिटर्न
यह रिटर्न अगले वित्तीय वर्ष के दिसंबर माह की 31 तारीख तक फाइल करनी होती है, इस रिटर्न में, करदाता को पूरे वित्तीय वर्ष के व्यय और आय का विवरण दर्शाना होता है।
इन रिटर्नस की पोप्यूलेशन को निम्नलिखित ग्राफिक द्वारा समझाया गया है:
टिप्पणी:
- करदाता की जीएसटीआर-2 आपूर्तिकर्ता के जीएसटीआर-1 से ऑटो-पोप्यूलेटिड होता है
- करदाता की जीएसटीआर-3 करदाता के जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-2 से ऑटो-पोप्यूलेटिड होता है
रिटर्न भरने के पडाव:
जीएसटीआर-1
- जीएसटीएन के माध्यम से अथवा जीएसटीएन/जीएसपी द्वारा उपलब्ध किए गए सरल अपलोड टूल के माध्यम से फाइल करना
- आवधिक अपलोडिंग की अनुमति
- 10 तारीख तक जमा करना
- 10 तारीख के बाद अवरुद
जीएसटीआर-2
- करदाता के आपूर्तिकर्ता द्वारा भरे गए जीएसटीआर-1 से ऑटो-पोप्यूलेटिड
- 10 और 15 तारीख के बीच परिवर्तन की अनुमति
- 15 तारीख तक भरना
- 15 और 17 तारीख के बीच होता है करदाता अतिरिक्त बीजक जोड़ सकता है
- आपूर्तिकर्ता के पास अतिरिक्त बीजक को स्वीकार / अस्वीकार करने का विकल्प होता है
- आपूर्तिकर्ता की जीएसटी-1 उसी के हिसाब से संशोधित हो जाती है
जीएसटीआर-3
- जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-2 से ऑटो-पोप्यूलेटिड
- 20 तारीख तक भरना
- भुगतान 20 तारीख तक या उससे पहले किसी भी समय किया जा सकता है।
रिटर्न में संशोधन
भूल / चूक के किसी भी सुधार के लिए संशोधित रिटर्न भरने की प्रणाली को समाप्त कर दिया गया है। भूल / चूक सुधार की अनुमति परवर्ती रिटर्न में दी जाती है। जबकि, इस तरह के विवरण से सम्बंधित वित्तीय वर्ष के अंत के बाद सितंबर माह की रिटर्न प्रस्तुत करने के बाद अथवा वार्षिक रिटर्न भरने के बाद, इनमें से जो भी पहले हो, किसी संशोधन की अनुमति नहीं है।
रिटर्न से संबंधित दंड प्रावधान:
कोई भी पंजीकृत व्यक्ति जीएसटीआर-1, जीएसटीआर-2, जीएसटीआर-3 या अंतिम रिटर्न फॉर्म नियत तिथि तक जमा करने में विफल रहता है, तो वह विलंब शुल्क प्रति दिन 100 रुपए, अधिकतम 5000 रुपए का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होगा।
आईटीसी मिलान और ऑटो रिवर्सल:
- यह राजस्व रिसाव को रोकने के लिए एक तंत्र है।
- आईटीसी मिलान की प्रक्रिया रिटर्न दाखिल करने की नियत तिथि (प्रत्येक माह की 20 तारीख) के बाद शुरू होती है। यह जीएसटीएन द्वारा किया जाता है।
- जीएसटीआर-2 फॉर्म में कर-योग्य व्यक्ति (अर्थात “माल और / या सेवाओं” के प्राप्तकर्ता) द्वारा दर्शाए गए आंतरिक आपूर्ति के विवरण को उसके वैध रिटर्न में संबंधित कर योग्य व्यक्ति (अर्थात “आपूर्तिकर्ता” की वस्तुएं और / या सेवाएं) द्वारा प्रस्तुत बाह्य आपूर्ति से संबंधित विवरण से मेल किया जाएगा। रिटर्न को वैध रिटर्न के रूप में सिर्फ तभी माना जाएगा जब उपयुक्त जीएसटी का करयोग्य व्यक्ति द्वारा पूरा भुगतान किया गया हो, जैसा कि रिटर्न के लिए दी गई कर अवधि में दिखाया गया हो।
- विवरण मिलान के मामले में, अपने वैध रिटर्न में प्राप्तकर्ता द्वारा दावा किए गए आईटीसी को अंतिम रूप से स्वीकृत माना जाएगा और प्राप्तकर्ता को इस प्रकार की स्वीकृति के बारे में सूचित किया जाएगा। आपूर्तिकर्ता द्वारा वैध रिटर्न भरने की विफलता प्राप्तकर्ता को आईटीसी के इंकार का कारण हो सकता है।
- यदि प्राप्तकर्ता द्वारा दावा किया जाता है कि आईटीसी आपूर्तिकर्ता द्वारा घोषित कर से अधिक है अथवा जहां बाह्य आपूर्ति का विवरण आपूर्तिकर्ता द्वारा अपने वैध रिटर्न में घोषित न किया गया हो, तो विसंगति आपूर्तिकर्ता और प्राप्तकर्ता दोनों को भेजी जाएगी। इसी प्रकार, यदि आईटीसी के दावे में दोहराव होता है, तो उसे प्राप्तकर्ता को सूचित किया जाएगा।
- प्राप्तकर्ता को आईटीसी के अतिरिक्त दावे की विसंगति को सुधारने के लिए कहा जाएगा और यदि आपूर्तिकर्ता उस माह की अपनी वैध रिटर्न में भेजी गई विसंगति में सुधार नहीं करता है, तो जिस माह में विसंगति को सूचित किया जाता है, तो ऐसे अतिरिक्त आईटीसी के लिए प्राप्तकर्ता द्वारा किया जाने वाला दावा अगले महीने में प्राप्तकर्ता की आउटपुट कर देयता में जोड़ा जाएगा।
- इसी प्रकार, प्राप्तकर्ता द्वारा दावा किए गए आईटीसी के दोहराव को उस माह में प्राप्तकर्ता के आउटपुट टैक्स देयता में जोड़ा जाएगा, जिसमें इस तरह के दोहराव को सूचित किया जाता है।
- जब तक अपनी विवरणियों में संबंद्ध परिवर्धन नहीं किए जाते तब तक आईटीसी लेने की तिथि से लेकर प्राप्तकर्ता की कर देयता का आउटपुट अधिक या डुप्लीकेट आईटीसी में दोबारा जोड़े जाने तक प्राप्तकर्ता का दायित्व होगा कि वह उस पर ब्याज का भुगतान करें।
- आईटीसी के पुनः दावे का मतलब है आउटपुट कर देयता को कम करने के माध्यम से प्राप्तकर्ता के इलेक्ट्रॉनिक क्रेडिट खाते में विपरीत आईटीसी वापस लेना। यदि आपूर्तिकर्ता बीजक और डेबिट नोट्स का विवरण निर्धारित समय सीमा के भीतर अपने वैध रिटर्न में घोषित करे तो, ऐसे पुन: दावे प्राप्तकर्ता द्वारा किए जा सकते हैं। ऐसे मामले में, प्राप्तकर्ता द्वारा भुगतान की गई ब्याज की राशि उसके इलेक्ट्रॉनिक नकद खाते के माध्यम से वापस की जाएगी।
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